दोस्तों अगर आप यह चाहते हैं आपकी जिंदगी 360 डिग्री बदल जाए या बहुत बड़ा परिवर्तन हो जाए या ये परिस्थितियॉं बदलकर नए बदलाव आ जाए या सभी समस्याएं खत्म होकर खुशी का माहौल हो जाए या ऐसा कोई सपना जिसको आप हकीकत बनाना चाहते हो तो आपके संघर्ष और मेहनत तो करनी पड़ेगी, तो आपको हर पल नई चुनौतियों का सामना तो करना पड़ेगा, तो आपको अच्छी रणनीति बनाकर उस काम को सफल बनाने के लिए प्रयास तो करना ही पड़ेगा, तो आपको असफलताओं से जूझना पड़ेगी, तो आपको कोई साथ दे या ना दे फिर भी अपने रास्ते पर आगे बढ़ना होगा, तो साथ ही आपको कई चीजों का त्याग करना हो सकता है जैसे आपको अलस्य छोड़ना पड़ेगा, आपको अपने निर्णय पर डटे रहने होगा ,आपको लगातार मेहनत करनी होगी, लगातार मेहनत करनी होगी और बस लगातार मेहनत करनी होगी दोस्तों मैं यह कहना चाहता हूं कि अगर आप अपने दिन अच्छे बनाना चाहते हो तो आपको रातों मे जगना पड़ सकता है रातों मे मेहनत करना हो सकता है ,अगर कुछ मनचाहा बदलाव चाहते हो संघर्ष और मेहनत से पीछा नहीं छुड़ा सकते ,यह सफलता की सबसे बड़ी प्राथमिकता और सबसे पहली शर्त है ।
आज का कोटेशन भी इसी ओर इशारा करता है…..
“पतझड़ आए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते और संघर्ष और मेहनत किए बिना व्यक्ति के जीवन में अच्छे दिन नहीं आते“
In english….
“Without atuman, new leaves do not appear on the tree and without struggle and hard work , good days do not come in person’s life.”
दोस्तों कहने का अर्थ यह है कि जिस प्रकार हम देखते हैं कि वृक्षों पर नए पत्ते आना शुरू तब होते हैं जब उसके सारे पत्ते झड़ जाते हैं अर्थात पतझड़ के मौसम का इंतजार और अपने सारे पत्ते गिरा देने का साहस एक वृक्ष को भी दिखाना पड़ता है ऐसे सभी पत्ते जो पीले पड़ गए हैं ,जो सूख चुके हैं जिसमें नई कोपलें निकलने की संभावना नहीं है उन सभी को चुन चुन कर गिरना होता है तब जाकर वह नये पत्तों की उम्मीद रख सकता है। उसको अपनी परिस्थितियों के अनुसार संघर्ष करना होता है, उसके इस काम में जो चीजें रुकावट हैं उनसे उसे लड़ना पड़ता है।
बिल्कुल यही बात मनुष्य के जीवन पर भी लागू होती है अगर वह अपने बुरे दिनों को अच्छे दिनों में बदलना चाहता है तो इसके लिए उसको भी संघर्ष और मेहनत का योगदान तो करना ही होगा और उन सब बातों का ध्यान रखना होगा जो रास्ते में रुकावट बनने की कोशिश करें, उनसे लड़ना भी होगा, उन सभी परिस्थितियों में भी अकेले डटे रहना होगा जब सब साथ देने से मना कर दें। दृढ़ निश्चायी बनकर लगातार हर दिन थोड़ा-थोड़ा प्रयास जोड़ते रहना पड़ेगा तब जाकर कभी बदलाव की हम उम्मीद कर सकते हैं, तब जाकर हम अच्छे दिनों के बारे में सोच सकते हैं, तब जाकर हम सोच सकते हैं कि हमने जो सपना देखा है वह हकीकत में पूरा होगा क्योंकि इस दुनिया में हाथ पैर पकड़े रखकर बैठे रहने से
कुछ नहीं मिलता हाथों से मेहनत और पैरों से मंजिल की और दौड़ना पड़ता है तब जाकर हम अपनी मंजिल को पा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको आज का या कोटेशन गहराई से समझ में आ चुका होगा अगर अभी भी किसी प्रकार का कोई सुझाव या किसी प्रकार की कोई टिप्पणी या कमेंट आप करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी बात जरूर रखें आपकी हर प्रकार के सुझाव का स्वागत है आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं बड़े से ब्रेक के बाद😊