हिंदुस्तान की कंप्युटर क्रांति के जनक है Rajiv Gandhi –
पूरा हिंदुस्तान आज राजीव गांधी जी को जानता है जो कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं उनका व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली था उन्होंने हिंदुस्तान में एक और नया कार्य करने का वीणा उठाया, उन्होंने कंप्यूटर को हिंदुस्तान मे बढ़वा देने मे महान भूमिका निभाई इसीलिए उन्हें कंप्यूटर क्रांति का जनक हिंदुस्तान के लिए माना जाता है । इन्होंने टेक्नॉलजी को बहुत बढ़ावा दिया है, कंप्युटर की उपलब्धता को इन्होंने बहुत आसान कर दिया । 21 मई को राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि मनाई जाती है । इस दिन की कहानी बेहद हृदय को दुख पहुंचाने वाली घटना है जिसमें राजीव गांधी जी की निर्मम हत्या कर दी जाती है उनके साथ लगभग कुल 18 लोगों की और मौत हो जाती है। राजीव गांधी जी ने देश की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान किया और वह देश की छवि बदलने में अपना पूरा समय देते थे।
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सोनिया गांधी जी से मुलाकात-
राजीव गांधी जी सोनिया गांधी जी से भी मिल चुके हैं सोनिया गांधी जी से उनकी मुलाकात तब हुई जब वह अपना इंजीनियरिंग का कोर्स कंप्लीट कर रहे थे ,उसी दौरान उनकी मुलाकात कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में सोनिया गांधी जी से हुई थी, जो उनकी पहली मुलाकात थी । राजीव गांधी जी सोनिया गांधी जी से मिलने की इच्छा व्यक्त करते हैं और एक रेस्टोरेंट में जाकर वहां के मालिक से एक निवेदन करते हैं कि उनको किसी भी प्रकार से सोनिया गांधी जी के पास बैठने का मौका दे दें और इसके बाद उन दोनों लोगों के मिलने जुलने का सिलसिलाआगे बढ़ता गया।
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- राजीव गांधी जी के नाम पर हर साल 10 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाता है और इस पुरस्कार का नाम राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार रखा गया है ।
- 21 मई को राजीव गांधी जी की याद मे राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप मे मनाया जाता है ।
राजीव गांधी जी का चरित्र-
राजीव गांधी एक वह व्यक्ति थे जो आधुनिक भारत की तस्वीर बदलने का सपना देखते थे और उसको सच करने के लिए तत्पर पर रहते थे। पंचायती राज व्यवस्थाओं में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने का काम राजीव गांधी जी ने किया । यह युवाओं को साथ लेकर चलते थे और युवाओं की प्रगति में ही देश की प्रगति को देखते थे। यह आधुनिक भारत के साथ आईटी क्रांति के जनक भी माने जाते थे । इन्हें टेक्नोलॉजी का जनक / भारत के कंप्यूटर क्रांति का जनक भी कहा जाता है ।
किए गए कार्यों का विवरण –
राजीव गांधी जी यह मानते थे कि युवाओं की प्रगति देश की तस्वीर बदल सकती है, इसलिए उन्होंने युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहरलाल रोजगार योजना की शुरुआत कर दी थी ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके और सभी युवा आत्मनिर्भर होकर जीवन यापन कर सकें । वोट डालने की जो आयु है वह 18 वर्ष और उससे ऊपर निश्चित कर दी थी। उनके समय में ही पंचायती राज व्यवस्था का एक नया रूप निकाल कर सामने आया उन्होंने लाइसेंस लेकर मनमानी करने वाले लोगों के प्रति बहुत कठोर कदम उठाए । उन्होंने लगभग नौकरशाही प्रथा का समापन करने पर पूरा जोर दिया । राजीव गांधी जी ने गांव में एक पब्लिक कॉल ऑफिस भी खुलवाए , ताकि लोगों का दूरभाष संपर्क आसानी से हो सके।
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Rajiv Gandhi जी का शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयास रहा ,जिसमेंउन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना करवाई इन्हें हम एनवीएस के नाम से भी जानते हैंउन्होंने ऐसे संस्थानों और मुक्त शिक्षा प्रदान करने वाले आवासीय विद्यालयों की स्थापना करवाई जो कक्षा 6 से 12 तक की मुक्त शिक्षा देने का काम करते हैं । राजीव गांधी जी शिक्षा के क्षेत्र में सजग रहते थे उन्होंने लगभग हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया । उच्च शिक्षा के प्रोग्राम को लेकर उन्होंने एक नेशनल लेवल पर शिक्षा नीति एजुकेशन पॉलिसी की अनाउंसमेंट 1986 मे की थी ।
राजीव गांधी जी का परिवार परिचय-
Rajiv Gandhi जी देश के सबसे युवा वर्ग में बनने वाले पहले प्रधानमंत्री थे । इन्होंने जब प्रधानमंत्री का पद संभाला तो यह लगभग 40 वर्ष की उम्र के हो चुके थे। इन्होंने प्रधानमंत्री पद के रूप में कार्यभार को सन 1984 से लेकर सन 1989 तक इस भारत देश की सेवा में अपना योगदान करते हुए जारी रखा । श्रीमती इंदिरा गांधी जी उनकी मां थी जिन्होने राजीव गांधी जी का अच्छे से लालन पालन किया था । दुर्भाग्य बस इंदिरा गांधी जी की हत्या हो गई थी जिसके बाद राजीव गांधी जी को प्रधानमंत्री बनाया गया । राजीव गांधी जी के नाना जी अर्थात पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के सबसे पहले बनने वाले प्रधानमंत्री रहे। आज जिनका परिवार धीरे-धीरे एक कांग्रेस पार्टी के रूप में उभर रहा है जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी ,प्रियंका गांधीआज सभी बहुचर्चित चेहरे हिंदुस्तान की खबरों में बने रहते हैं।
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहल-
युवा प्रधानमंत्री Rajiv gandhi Death के एक साल के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टीम ने उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के लिए एक पुरस्कार की घोषणा की ,इसका नाम था राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार। इस दिन राजीव गांधी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर भाविनी श्रद्धांजलि उनके परिवार और गरीबी सदस्यों के द्वारा अर्पित की जाती है । कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्य शामिल होकर , इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हैं। वास्तव में प्रधानमंत्री के पद पर एक अच्छे व्यक्ति के न होने की घटना देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति के रूप में देखी जाती है।
अगस्त को Rajiv Gandhi के जन्म दिवस को सद्भावना दिवस के रूप में मनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसे हर साल में श्रद्धांजलि देते हुए सद्भावना को बढ़ाने का लक्ष्य और और भाईचारे को बढ़ाने के लिए हर साल यह कार्यक्रम मनाया जाता है।
Rajiv Gandhi Death –
सन 1991 मे कुछ आतंकियों के द्वारा 21 मई को उनकी हत्या कर दी जाती है । Rajiv gandhi Death को लेकर पूरी पार्टी पर दुख का संकट टूट पड़ा था , कुछ आतंकियों को उनका प्रभाव बढ़ने पर अच्छा नहीं लगा और उन्हे अपने खड़यंत्र से मारने का काम किया । भारत माता ने एक और सच्चा सपूत खो दिया ।
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